Bulbul ki kahani । बुलबुल नामक लड़की की कहानी |ऐक बुलबुल जो कीट है
इस कहानी में दो तरह की बुलबुल के विषय में बताया जाएगा एक बुलबुल हो जो की एक लड़की का नाम है वह अपने गांव में रहती है वह किस प्रकार सफलता की सीढ़ियों को पाती है उसके विषय में और किस प्रकार वह लोगों की मदद करती है
Bulbul ki kahaniyan |
दूसरी बुलबुल वह जो जंगलों में पाई जाती है यह एक प्रकार का कीट होता है जोकि स्थानीय भाषा बंबोर के पेड़ पर मिलता है यह एक प्रकार का दो सींग वाला कीट होता है और इस को स्थानीय भाषा में बुलबुल कहते हैं
पहली कहानी
इस कहानी की शुरुआत एक गांव जिसका नाम कौशलपुर होता है उसी गांव में एक परिवार होता है जिसकी एक लड़की जन्म लेती और उसे बड़े प्यार से पाला जाता है उसी लड़की का नाम बुलबुल रखा जाता है बुलबुल एक गरीब परिवार में पैदा हुई एक बहुत ही सुंदर लड़की है जोकि अपने परिवार के लिए कुछ ऐसा काम करना चाहती है जिसे उसके गांव में इज्जत बड़े लोगों के नजर में आत्मसम्मान बड़े परंतु अभी वह बहुत छोटी है और धीरे-धीरे बड़ी हो रही है जब वह स्कूल जाती है तो अपने मन में इसी प्रकार के विचार बार-बार उत्पन्न करती है ।
बुलबुल की शादी
गरीब और निर्धन परिवार में जन्म लेने की वजह से बुलबुल की शादी 8 साल में कर दी जाती है परंतु उसे अपने मायके नहीं भेजा जाता है पहले उसे सभी घर के काम में कुशल बनाया जाता है उसी समय बुलबुल अपनी पढ़ाई कर रही थी और सरकारी स्कूल से कक्षा 8 खत्म किया फिर 10 खत्म किया 12 खत्म किया और वह डिग्री के लिए आगे पढ़ना चाहती है इस कारण वह कॉलेज जाना चाहती हैं लेकिन उसके मां-बाप उसे जाने नहीं देना चाहते
बुलबुल एक बहुत ही होशियार और समझदार लड़की है जो आगे पढ़ना चाहती है कुछ करना चाहती है इसलिए एक दिन वह फैसला करती है कि वह एक नोट बनाएगी और वह अपने मां-बाप के लिए रखकर जाएगी एक दिन वह एक छोटा सा नोट तैयार करती है उस लेटर में व लिखती है कि मम्मी पापा मैं आगे की पढ़ाई करने के लिए बाहर जा रही हूं ऐसा लिख कर चली जाती है
बुलबुल की पढ़ाई और उसका संघर्ष
अब बुलबुल शहर में आ चुकी है और अपने मां-बाप कुछ छोड़ कर वह शहर में एक कॉलेज में एडमिशन लेती है और वहां से मेडिकल की पढ़ाई करने लगती है यह खर्चे के लिए वह ट्यूशन पढ़ाने लगती है और छोटे-मोटे काम भी करने लगती है जिससे उसका जेब खर्च ना रुके बुलबुल इतनी होशियार और समझदार लड़की है कि उसने पहले ही सत्र में टॉप किया और दूसरे सत्र में भी अच्छे नंबरों से पास हुई तथा आखरी सत्र में वहां अच्छे नंबरों से पास होकर वह से गरीब बुलबुल डॉक्टर बन गई ।
डॉक्टर बनने के बाद वह अपने घर गई जब उसने अपने मां-बाप को देखा तो सभी आपस में रोने लगे और जो उसकी मां ने अपनी बेटी बुलबुल को देखा तो उसके स्वागत में वह 9 तरह के पकवान बनाये फिर उसके बेटी बुलबुल ने बताया कि वह शहर गई उसने इस प्रकार के संघर्ष का सामना किया और आज वहां एक बेहतरीन डॉक्टर बनकर लौटी है
यह सुनकर पिता का सीना चौड़ा हो गया और पिता खुशी से झूमने लगा उसने गांव पर को निमंत्रण दे दिया और भिन्न भिन्न प्रकार के घर में पकवान बनवाएं सभी गांव वालों को पकवानों को खिलाया और बहुत ही हंसी उल्लास से जश्न मनाने लगा ।
बुलबुल की विदाई
ऐसे करके कुछ दिन बीत गए अब बुलबुल के मां-बाप ने बचपन में की अपनी बिटिया , बुलबुल की शादी का विदाई का दिन निकट आ गया था लड़के वालों ने बिल्कुल के घर जाकर बुलबुल को घर पर लाने की तैयारी कर ली लड़के वाले बुलबुल के घर गए और बुलबुल के मां-बाप से कहा कि बुलबुल की विदाई का समय आ गया है आप उसे विदा कर दें तभी बुलबुल बोली कि वह गलती जो बचपन में की गई उसे दोबारा दोहराया नहीं जाएगा मैं आपके साथ नहीं जाऊंगी ऐसा कहने के बाद बुलबुल वहां से चली गई लड़के वाले के रिश्तेदार और उनके माता-पिता सीधे मुंह घर लौट गए और यह सब कहानी लड़के को बताएं ।
इधर लड़का भी काफी पढ़ा लिखा था और वह ग्रेजुएट होने के बाद लॉ की डिग्री ले रहा था जब यह सब कहानी लड़के को पता चली तब उसने बुलबुल से जाकर सीधे बात करना सही समझा और वह बुलबुल के घर गया सीधे बुलबुल से बात किया
बुलबुल और कुमार के रिश्ते का नया मोड़
बुलबुल के पति का नाम कुमार था कुमार भी बहुत ही पढ़ा लिखा और लॉ की तैयारी कर रहा था उसने सीधे बुलबुल से बात की , वह घर क्यों नहीं आना चाह रही है तब बुलबुल ने कहा मैं उस शादी को शादी नहीं मानती क्योंकि वह मेरे अनजाने में शादी हुई मैं जब बहुत छोटी थी तब वह शादी कर दी गई अतः मैं उससे शादी नहीं मानती । लड़के ने कहा ठीक है कोई बात नहीं तो क्या अब आप मुझसे शादी करना चाहेंगे जो बुलबुल ने लड़के को देखा लड़का भी होशियार था पढ़ा लिखा था बुलबुल हालांकि इस शादी को नहीं करना चाहते थे मगर उसने कुमार की परीक्षा लेने का प्लान सोचा उसने लड़के से कहा ।
देखो मैं तुमसे शादी इसलिए नहीं करना चाहती हूं क्योंकि मैं कभी मां नहीं बन सकती हूं मैं तुम्हें कभी भी बाप का सुख नहीं दे सकती हूं
लड़का बोला बस इतनी सी बात ठीक है शायद ईश्वर ने तुम्हें इसी काम के लिए बनाया हो कुमार की आवाज सुनकर बुलबुल को बहुत खुशी हुई बुलबुल समझ गई के यह बहुत ही होशियार और इंटेलिजेंट पुरुष है अतः इस से मुझे शादी कर लेना चाहिए और उन्होंने एक दूसरे से शादी कर ली ।
बुलबुल और कुमार का सारा जीवन
क्योंकि बुलबुल मां नहीं बन सकती थी अतः उन्होंने गांव के कई बच्चों को बढ़ाना , पालना ,लालन पोषण करना शुरू कर दिया उन्होंने एक चैरिटी खोल ली इसमें गांव के सभी अनाथ बच्चों को वह पढ़ाते थे लिखाते थे और जरूरत के सभी सुख संसाधन देते थे वह चैरिटी का खर्च अपने जेब से अपनी नौकरी से जो कमाते थे वह सब उसी चैरिटी में लगा देते थे इसी प्रकार उन्होंने अपना सारा जीवन दूसरों की भलाई में लगा दिया ।
शिक्षा
- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि मनुष्य के अंदर कोई कमी है तो उसे उस कमी को नजर अंदाज करना चाहिए और उस कमी को लेकर जीवन भर नहीं चलना चाहिए
- एक रिश्ते में , वह चाहे पति पत्नी का रिश्ता क्यों ना हो एक दूसरे को समझना एक दूसरे को समझा पाना एक दूसरे में विश्वास होना छोटी-छोटी गलतियों को माफ करना यह होना बहुत जरूरी है।
- यह कहानी उन सैकड़ों हजारों वरण्य , लाखों लड़कियों की है जो गांव में गली में नुक्कड़ कूचे में अपना जीवन व्यतीत कर देती हैं वह भी चाहे तो बुलबुल की तरह एक अच्छे मुकाम या अच्छी पोस्ट पर पहुंच सकती हैं बस उन्हें संघर्ष करते रहना होगा क्योंकि सफलता की कुंजी संघर्ष पर ही टिकी हुई है जिसने संघर्ष नहीं किया वह कभी सफल नहीं हुआ है
दूसरी कहानी
यह कहानी बहुत ही मजेदार और साइंस से जुड़ी हुई है जो आपने कभी नहीं सुनी होगी ऐसी मैं आपको चीजें इस जगह पर बताऊंगा क्योंकि दूसरी कहानी भी एक दूसरी तरह की बुलबुल से जुड़ी हुई है तो यहां पर बताना उचित है तो चल चलिए जानते हैं कि यह किस तरह की बुलबुल है हमारे इंडिया मे ऐक चिड़िया का नाम भी बुलबुल है
बुलबुल एक तरह का कीड़ा
हमारे इंडिया में बुलबुल एक कीड़े का नाम भी है जोकि बंबोर नामक एक पेड़ पर मिलते हैं इनके मुख पर दो बड़े बड़े सिंह उगे हुए होते हैं और उनके छोटे-छोटे पर होते हैं यह एक ऐसा कीट है जो उड़ सकता है और यह उड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान जाता है ।
यदि आप इस कीट को देखना चाहते हैं तो बंबोर के पेड़ पर जिस पर छोटी-छोटी पत्तियां होती हैं और कांटे होते हैं आप इसे बबूल का पेड़ भी बोल सकते हैं आपको बबूल के पेड़ पर भी यह कीट मिल जाएगा जिसका नाम बुलबुल है ।
जब आप इसे बबूल के पेड़ पर ढूंढे ऐसे पेड़ पर धुधिएगा जिस पेड़ पर बहुत सारी चिटे पहले से हो क्योंकि यह जीव उस पेड़ पर ज्यादा जाते हैं जिस पेड़ पर चिटे होते हैं चींटी का बड़ा रूप चिटा होता है तो आप उस पेड़ पर जाइएगा जिस पेड़ पर चिटा बहुतायत मात्रा में एकत्र हो उस पेड़ पर आपको बुलबुल नामक कीट जरूर मिल जाएगा ।
इस कीट का नाम बुलबुल क्यों पड़ा
इस कीट का नाम बुलबुल इस वजह से पड़ा क्योंकि जब इस कीट को सर के बल उल्टा किया जाता है तो यह बहुत तेजी से अपनी ही दूरी पर घूमने लगता है ऐसा करने की वजह से इस कीट का स्थानीय नाम बुलबुल पड़ गया यह हमारे भारत में बहुत ही प्रचलित कीट है
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