Dadi maa ki kahani | ऐक दादी माँ की कहानी जो आपको इस बूढ़ी के दर्द से रूबरू करवाएगा

 इस जगह पर मैं आपको दादी मां के द्वारा सुनाई गई एक कहानी के विषय में बताऊंगा उन्होंने मुझसे इसे बहुत बचपन में सुनाया था वह कहानी मैं आपको यहां पर बताऊंगा


यह कहानी एक बूढ़ी मां की है जो कि अपने बचपन में क्या थी और वह अब क्या है वह इसका पूरा चलचित्र बता रहे हैं तो आप ही समझे

Dadi maa ki kahani
Dadi maa ki Kahani


दादी मां का बचपन का समय


दादी मां बचपन से ही दादी मां नहीं थी पहले वह भी एक लड़की थी और फिर उसके बाद धीरे-धीरे जो भी उसके जीवन में घटित होगा वह आपको इस कहानी में जानने को मिलेगा दादी मां जब बचपन में अपने पिताजी के पास रहती थी तब उन्हें बहुत ही लाल और प्यार से रखा जाता था और उनकी सभी जरूरतों और छोटी-मोटी चीजों को ध्यान में रखा जाता था


हम दादी मां धीरे-धीरे बड़ी हो रही थी और वह अपनी युवावस्था में बहुत है चंचल स्वभाव की ओर सभी की मदद करने वाली थी वह किसी को दुखी नहीं देख सकती थी चाहे वह स्वयं ही दुखी क्यों ना हो जाए धीरे-धीरे दादी मां की शादी हुई और उसके कुछ बच्चे हुए और उनके भी बच्चे हुए जिनमें से एक मैं हूं और मुझे वह कहानी सुना रही है


कहानी को समझने का प्रयास जरूर करें क्योंकि हर छोटे से शब्द में कहीं ना कहीं एक मोड़ एक जो खाओ जुड़ा हुआ है जो इस कहानी को नया रूप देता है 


दादी मां जोकि बहुत ही पूरी हो चुकी हैं और वह अपना चलने के काबिल है और ना ही उठने के काबिल है हां बोलती जरूर है और बोल बोल कर अपने जीवन के किस्से सुनाया करती हैं


किस्सा नंबर 1


दादी मां बहुत ही छोटी थी तभी वह अपने घर से कुछ दूर एक कुआं था उसमें गिर गई थी दादी मां लगभग 3 घंटे उसी कुएं में रही वह कुएं के किनारे क्षेत्र में अपने हाथ फंसा कर लटकी रही और उनका जूसर है वह पानी से बाहर रहा वह वहां से चीखती रही चिल्लाती रही लेकिन किसी ने सुना नहीं फिर 3 घंटे बाद वहां पर कोई पानी भरने आया तब देखा कि फलाने की बिटिया तो पानी में गिरी हुई है फिर उस से निकाला गया और शायद दादी का किस्सा वहीं पर खत्म हो जाता लेकिन यह किस्सा बताने के लिए दादी जिंदा थे


किस्सा नंबर दो 


अब दादी पड़ी हो चुकी थी और जवा मोटरसाइकिल चला रही थी तभी वह अपना संतुलन खो देती है और तालाब में मोटरसाइकिल सहित डूबने लगती है तभी उधर से गांव में जा रहे हैं एक तो दूध वाले भैया ने उस को बचाया और बाहर निकाला यह दादी का किस्सा नंबर तो है अतः दादी माँ का अंत उस समय भी हो सकता था लेकिन फिर भी दादी कहानी बताने के लिए जिंदा रहे


किस्सा नंबर 3


यह किस्सा उस समय का है जब दादी की शादी हो चुकी थी और दादी ट्रेन से हरिद्वार जा रहे थे तभी अचानक ट्रेन के साइड में जो जगह होती है उसी जगह पर दादी गिर गई और ट्रेन के साइड में जो जगह होती है उसके किनारे बात बड़ी रहे पूरी ट्रेन निकल गई लेकिन दादी को कुछ नहीं हुआ और दादी आज भी जिंदा है कहानी सुनाने के लिए


दादी के जीवन में ऐसी बहुत सी घटनाएं घटित हुई जो की रहस्यमई की थी और आश्चर्यजनक थी दादी ने पूरा एक सदीक आती है इस धरती पर अतः उसके पास बहुत सारे ज्ञान हैं जो कि आप उससे ग्रहण कर सकते हो जो कि वह इस कहानी के जरिए बताना चाहती है लोगों को बताना चाहती है


दादी मां के अन्य किस्से


अब मैं बताता हूं आपको यह दादी कौन है यार दादी एक मंदिर में रहती है और अपना आखिरी और अंतिम समय उसी मंदिर के किनारे बैठ कर भीख मांग कर काट रही है कहानी सब की कहानी होती है दोस्तों बस उसको समझने का प्रयास करना जरूरी होता है सबके जीवन की अपनी अपनी कहानी है और इस दादी मां की भी अपनी कहानी


यह दादी मां कितनी जगह पर अपनी मौत से बच कर आए हर्ष आज वह इस हाल में है कि उसकी मौत भी उसको नहीं आ रही है क्योंकि उसको देखभाल करने वाला आज कोई नहीं है सभी अपने अपने कर्म और धर्म में जुटे हुए हैं लेकिन इंसानियत का धर्म किसे सबको सबसे पहले देखना चाहिए वह कोई नहीं देखना चाहता है


दोस्तों जब भी किसी बूढ़े व्यक्ति को देखना तो यह जरूर सोचना कि उसने कितना समय धरती पर काटा है और उसके पास कितना ज्ञान होगा शायद वह अज्ञान जो उसे तजुर्बे से मिला हो जो उसे किताबों से मिलाओ जो उसे इस दुनिया से मिला हो वह सारा ज्ञान वह सारा अभ्यास वह सारा प्यार उस पूरे आदमी से तुम्हें मिल सकता है लेकिन उस बूढ़े आदमी के लिए आपको केवल थोड़ा सा ही प्यार देने की जरूरत है


यह कहानी एक बूढ़ी दादी मां किया है जो आज एक मांग कर अपना जीवन यापन कर रही है और उसकी ढूंढ 100 से ऊपर पहुंच चुकी है अब उसका देखभाल करने वाला इस दुनिया में कोई नहीं सब से छोड़कर जा चुके हैं जीवन एक संघर्ष है जोकि हर समय हर व्यक्ति को एक नया मोड़ एक नया रूप एक नया इतिहास और एक नई चीजें प्रदान करती है तो इस जीवन से हार तो कतई ना माने यह तो मालूम है कि मौत और मृत्यु सबको आनी है लेकिन संघर्ष ही तुम्हारी मौत मृत्यु को कमजोर बना सकता है इस पूरी माने 100 साल संघर्ष किया है


शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा लेनी चाहिए कि यदि हम किसी बूढ़े व्यक्ति को देखें तो उसके पति मन में आदर रखें सम्मान रखें और यदि उसका हम भला नहीं कर सकते हैं तो हमें बुरा भी नहीं करना चाहिए


हर व्यक्ति के संसार में अपनी अपनी कहानी जरूर होती है ऐसा इस दुनिया में कोई नहीं है इसकी अपनी स्वयं कहानी ना हो कहानी हर व्यक्तियों के जीवन में शामिल है उसका रोज का उठना बैठना चलना घूमना फिरना यहां भी सब एक कहानी के रूप में ही आता है तो उस दुनिया में कहानी बहुत ही जरूरी है और हर व्यक्ति की कहानी होना भी बहुत जरूरी है कहानी अच्छी हो या बुरी कहानी सिर्फ कहानी होती है


यदि आप ऐसी सिचुएशन में होते तो क्या करते हैं क्या पहले से ही ऐसी परिस्थिति के लिए तैयार होना चाहिए या फिर जो तूने आजा जीवन में चल रहा है उसे चलने देना चाहिए मेरा मानना है कि पहले से ऐसी परिस्थिति के लिए हमें तैयार होना चाहिए हमें अपने लिए भी कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे हमारा सारा जीवन यदि हम कमाने लायक हैं तो भी और नहीं है तो हमारा सारा जीवन एक सीधी रेखा में होना चाहिए हालांकि उतार-चढ़ाव जीवन में जरूरी है मगर एक रास्ता होना बहुत जरूरी है


इस कहानी से आपको शिक्षा मिली हो और कुछ सीखने को मिला हो तो लेखक के लिए दो शब्द लिखना ना भूलें धन्यवाद मिलते हैं किसी और कहानी में

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