Survival ki Kahani [ ऐक आदमी की सच्ची घटना जब वह मौत को हरा कर घर पहुचा] : movtivation story : हिन्दी कहानी

ऐक आदमी की सच्ची घटना जब वह मौत को हरा कर घर पहुचा [Survival Ki Kahani]

 यह कहानी सर्वाइवल और सच्ची घटना पर आधारित है एक व्यक्ति जो कि अमेरिका का है वह ऐमेज़ॉन के जंगलों में चिड़ियो पर रिसर्च और वह विभिन्न प्रकार की चिड़ियों जानकारी प्राप्त करता है डेटाबेस कलेक्ट करता है अतः वह  पक्षियों का वैज्ञानिक होता है जो कि पक्षियों के विषय में हर चीज जानना सुन ना समझना और नोट करना चाहता है इसलिए वह अपने घर से दूर अमेजॉन के जंगलों में चला जाता है

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यह अपने काम में बहुत ही माहिर और प्रत्यक्ष प्रतिष्ठित है यह अपने साथ कुछ उपकरण इस प्रकार के लाता है जिसे आवाज रिकॉर्ड करना और ब्लड का सैंपल लेना वगैरा-वगैरा वह अपने घर से पूरी तैयारी से आता है जब वह अमेजॉन जंगल के भीतर जा रहा होता है तभी उसे एक अच्छी दिखाई देती है इसके पीछे वह काफी दूर तक निकल जाता है और कुछ दिन चलते रहते हैं उसी के पीछे सूट करता रहता है परंतु इस वैज्ञानिक को इस बात का पता नहीं चलता है कि यह किस जगह पर आ गया है और इसी प्रकार व जंगल के अंदर इतनी दूर निकल आता है कि अब उसे वापस लौटना मुश्किल हो जाता है अपना रास्ता भूल चुका है और वहीं पर भटकने लगता है उसका सेल फोन ऐड हो चुका है बैटरी नहीं है अब वैज्ञानिक बहुत ही परेशान हो जाता है कि आखिर वो करे तो क्या करें

परंतु यह वैज्ञानिक होता है और सभी घटनाओं को दिमाग से और शांति मन से लेते हुए हर समस्या का समाधान ढूंढने लगता है अब जब रात होती है तब यह अपने सोने के लिए एक गेम बनाता है ऐसे ही करते इस वैज्ञानिक को लगभग 20 से 15 दिन हो गए अमेजॉन के जंगलों में भटकते भटकते हैं और इसके द्वारा जो भोजन या सुविधा की सामग्री लाई गई थी वह सभी खत्म हो चुकी हैं अब या भोजन के लिए तरस रहा है 

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15 से 20 दिनों में इसने जंगल में रहकर बहुत चीजें सीखी उन्हीं सभी चीजों से यह शिकार करने लगा और अपने लिए खाना एकत्र करने लगा परंतु जंगल में रहना जैसा कि आपको मालूम है आसान नहीं है सभी चीजों को बहुत ही सावधानी से जंगल में करना होता है जंगल में एक गलती यानी जान हाथ से गई यह वैज्ञानिक या जानता था कि वह नदी के किनारे किनारे चलेगा तो यकीनन किसी ना किसी बस्ती तक जरूर पहुंच जाएगा और यह भूखा प्यासा थका हारा नदी के किनारे चलता रहता है चलते चलते काफी समय गुजर जाता है परंतु कोई भी इसकी मदद करने को नहीं आता है ऐसा ही कुछ समय बीत जाता है अब यह वैज्ञानिक मरने की कगार पर आ गया है वह बहुत ही सूखा दुबला पतला और बीमार भी है अब उसे चलने की ताकत नहीं है कि वह दो कदम चल सके अतः वह नदी के किनारे बेहोश होकर गिर जाता है

 जब वह बहुत दिन बाद पूछता है तब वह फिर उसी सन्नाटा और हताशा को देखकर बहुत ही निराश होता है वह धरती पर लेटा ही होता है और उसे पुराने आते सताते सताने लगती हैं उसे हैरिस ज नेशन भ्रम होने लगता है कि वह घर में है बात कर रहा है लोगों से खा पी रहा है अच्छे-अच्छे पकवान खा रहा है इस तरह का उसको ब्रह्म होने लगता है अतः जब वह आसमान की तरफ देखता है तो उसे लगता है कि उसकी मौत आने वाली है तभी एक मछुआरा जो कि मछली पकड़ने के लिए नदी में उत्तरा होता है

 वह अपनी मोटर बोर्ड से इस तरफ आता है वैज्ञानिक को इतनी ताकत नहीं है कि वह उस मछुआरे को भुला सके परंतु मछुआरा उसे देख लेता है और उसके पास जाने के बाद चेक करता है कि वह जिंदा है कि मर गया है परंतु अब वैज्ञानिक जिंदा होता है उसे पानी पिलाता है थोड़ा बहुत खाना देता है और फिर अपने साथ मछुआरे की बस्ती में ले आता है जहां उसे कुछ दिन आराम करते हैं और फिर उससे डायरेक्ट अस्पताल में भर्ती करवा दिया जाता है जिससे कि वह ठीक हो जाता है आज वह इंसान अपनी इंसानों की दुनिया में लौट जाता है परंतु इस घटना को जीवन भर भूल नहीं पाता है

निष्कर्ष 

 दोस्तों प्रकृति हमें सब कुछ देती है परंतु प्रकृति से छेड़ने वालों को कभी माफ नहीं करती है कभी भी प्रकृति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास मत करो किसी भी ऐसे एनवायरमेंट में जाने से पहले आप अपने आप को पूरी तरीके से डालो और फिर उसके बाद ऐसे एनवायरमेंट में आप कदम रखो जरूरत हो सके तो किसी ऐसे व्यक्ति को साथ में रखो जो ऐसी जगहों से अच्छी तरह वाकिफ है यह सब चीजें आपको बहुत ही आगे सर बाइबिल में काम देंगे यह एक ऐसी घटना है किस पर कई मूवी बन चुकी हैं यदि आपको इस घटना से कुछ अच्छी सीख मिली हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दें

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