survival story in hindi | वल्ड वार के समय की सच्ची कहानी

 यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है । इस कहानी के मुख्य किरदार अमेरिकन फाइटर हैं जिनका नाम जॉन, बॉब, हार्ले । अमेरिकन फाइटर की कहानी आपके जीवन कभी ना हार मानने के जज्बे को बढ़ा देगी चलिए फिर इनकी कहानी को विस्तार पूर्वक समझते हैं । 

survival story in hindi


वर्ल्ड वॉर का समय

अमेरिका और वियतनाम के बीच में वर्ल्ड वॉर चल रहा था । तथा जॉन, बॉब और हार्ले एक अमेरिकन फाइटर प्लेन पर बैठकर वियतनाम के कई ठिकानों पर बमबारी कर रहे थे । तत्पश्चात उनके प्लेन पर रॉकेट लॉन्चर से हमला होने पर उनका प्लेन नीचे गिर जाता है । एयरप्लेन जाकर वियतनाम के जंगलों में गिरता है ।

जब तीनों फाइटर मौजूदा स्थिति के विषय में अनुमान लगाते हैं । तो वह पाते हैं की उनका प्लेन क्षतिग्रस्त हो चुका है । लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार के चोट नहीं आई है । अतः वह अपना जरूरत का सामान उस प्लेन से लेकर अमेरिकी दूतावास में जाने को तैयार हो जाते हैं ।

वियतनाम की फौजी इनके प्लेन को गिरते हुए देख लेते हैं अतः वेतनाम के कुछ सैनिक इनकी तरफ आने लगते हैं और कुछ समय पश्चात वह प्लेन तक पहुंच जाते हैं । लेकिन उस प्लेन में किसी को ना पाकर वह जंगल में चारों तरफ उनको ढूंढने लगते हैं ।

बॉब जॉन और हार्ले अमेरिकी दूतावास की तरफ लगातार प्रस्थान करते जा रहे थे और उनके पास कुछ जरूरत का सामान विभिन्न प्रकार के हथियारों से लैस थे । क्योंकि उनको पता था कि वह जिस जंगल में गिरे हैं उस जंगल में युद्ध चल रही है और उनके पीछे वियतनाम के सैनिक पड़े हुए हैं ।

इसी प्रकार हार्ले बॉब और जॉन का कुछ दिन उसी जंगल में सफर करते हुए बीत जाता है । वियतनाम सैनिकों ने उनको ढूंढने की प्रक्रिया को बहुत तेजी से आगे बढ़ा दिया । अतः  वेतनामिक में सैनिकों की कई टुकड़ियों ने जंगल में ढूंढना शुरू कर दिया ।

एक समय ऐसा आया कि बॉब, जॉन, हार्ले और वेतनामिक सैनिकों का आमना सामना हो गया और दोनों ही पक्ष में ताबड़तोड़ फायरिंग चालू हो गई । वियतनाम के सैनिकों की संख्या ज्यादा होने की वजह से इन तीनों अमेरिकी पायलटों को पकड़ लिया गया ।

क्या हुआ फिर अमेरिकी पायलटों का

वियतनाम के सैनिकों ने उन तीनों पायलटों को पकड़कर अपने दूतावास में रखने का फैसला किया और उन तीनों पायलटों को शारीरिक व मानसिक रूप से आघात देना शुरू कर दिया ।

इसी प्रकार वह इस प्रक्रिया को दोहराते रहें । वाह उन सैनिकों से अमेरिकी दूतावास की जानकारी निकालना चाह रहे थे । लेकिन विभिन्न प्रकार के आघात को सहने के पश्चात भी उन्होंने अमेरिका दूतावास के विषय में कुछ भी नहीं बताया ।

वियतनाम सैनिकों और अमेरिका के सैनिकों के बीच युद्ध प्रक्रिया खत्म होने की कगार पर थी और वियतनाम हारता हुआ दिख रहा था लेकिन उनके कब्जे में कई अमेरिकी सैनिकों थे । जिन पर वह विभिन्न प्रकार के यातनाएं दिया करते थे । इसी प्रकार उन तीनों सैनिकों के के कारावास में 7 महीने तक गुजर गए थे ।

उन्होंने कई बार अमेरिकी दूतावास को संपर्क करने का भी प्रयास किया लेकिन वह असफल रहे । अतः कुछ समय बीत जाने के पश्चात उन तीनों अमेरिकी पायलटों ने उस स्थान से भागने मन बना लिया था ।

बॉब, जॉन और हार्ले ने कारावास की सिक्योरिटी पर नजर रखना , कब दरवाजे खुलते हैं, कब बंद होते हैं,  दरवाजे पर कितने लोग हैं, कितने उस कारावास पर गार्ड हैं, किधर से लोग आते हैं, किधर से कारावास में सामान आता है, इन सभी छोटी-मोटी चीजों को उन्होंने मेजरमेंट करना शुरू कर दिया ।

कारावास से भागने की तैयारी

कारावास की सभी गतिविधियों पर बॉब, जॉन और हार्ले में अच्छे से मेजरमेंट करके एक नक्शा बना लिया था । अब उन्होंने भागने की तैयारी सुनिश्चित किया । उसके पश्चात वह अपने प्लान को कामयाब करते रहें ।

जिस कारावास के चेंबर में इन तीनों तीनों अमेरिकी पायलटों को रखा गया था उसी की टॉयलेट सीट के नीचे इन्होंने एक बड़ा सा सुरंग बना लिया था और वह सुरंग एक गंदे नाले में जाकर मिल जाता था ।

इस सुरंग को बनाने के लिए इन्हें काफी समय लगा उन्होंने इस सुरंग को 5 महीने में पूरा कर लिया । उसके पश्चात उन्हें भागने की तारीख व दिन सुनिश्चित किया उन्होंने भागने का समय रात को 11:00 बजे का रखा और उसके पश्चात यह भागने में वहां से सफल हो गए ।

इनके द्वारा किए गए टॉयलेट सीट के नीचे सुरंग से एक गंदे नाले में पहुंचे उसके पश्चात उसके बाद यह मुख्य सिटी तक पहुंच गए हालांकि उन्होंने काफी संघर्षों का सामना किया और उन्होंने फैसला कर लिया था कि अमेरिका दूतावास पहुंचना है ।

सुबह होते होते यह तीनों अमेरिकी पायलट वियतनाम के उस कारावास से बहुत ही दूर आ गए । (जहां पर इन्हें रखा गया था) उधर कारावास में सुबह कैदियों की गिनती करने पर पता चला कि तीनों अमेरिकी पायलट सेल में नहीं है अतः पूर्ण रूप से छानबीन करने के पास पश्चात जेलर को उन्हें जेल से भागने का तरीका पता चल गया । अतः उसी रास्ते से उन्होंने कुछ सैनिक को भेज दिया और अपने शहर में रेड अलर्ट जारी करवा दिया ।

बॉब जॉन और हार्ले को वहां के सैनिकों ने विभिन्न जगहों पर ढूंढने की कोशिश शुरू की । लेकिन अभी उन सैनिकों से बहुत दूर निकल आए थे इसके पश्चात यह किसी प्रकार वेतनाम के बॉर्डर को पार करना चाहते थे और काफी संघर्षों के बाद उन्होंने वेतनाम के बॉर्डर को क्रॉस कर दिया ।

विभिन्न प्रकार के संघर्षों का सामना करने के पश्चात है अमेरिकी दूतावास पहुंच गए । तब इन्होंने अपने परिवार सगे संबंधी रिश्तेदार भाई-बहन दोस्त सभी को अपने ऊपर बीती हुई कहानियों को सुनाया  ।

यह उस समय की एक प्रचलित घटना थी । जिसमें तीन अमेरिकी पायलटों ने वियतनाम के जंगलों से सही सलामत बच के वापस आए थे अमेरिका के कई अखबारों में इस घटना को प्रकाशित किया गया था ।

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